कांस्टेबल नहीं मांग सकता ड्राइविंग लाइसेंस - हाईकोर्ट India


कांस्टेबल नहीं मांग सकता ड्राइविंग लाइसेंस - हाईकोर्ट
Traffic constable can`t ask to show driving license, says High Court

जयपुर। हाईकोर्ट ने माना है कि वाहन चालक से पुलिस निरीक्षक ही ड्राइविंग लाइसेंस मांग सकता है, कांस्टेबल को लाइसेंस मांगने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने वाहन चालक से लाइसेंस मांगने को लेकर मारपीट के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द करते हुए यह आदेश दिया। आठ साल पहले यह एफआईआर विशेष्ााधिकार हनन मामले में चर्चित पुलिस अधिकारी रतना गुप्ता के खिलाफ कांस्टेबल ने दर्ज कराई थी।

न्यायाधीश मनीष्ा भण्डारी ने रतना गुप्ता व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने माना कि कांस्टेबल रामकिशन ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दुर्भावना से जयपुर के अशोक नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसे रद्द करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस आदेश का कांस्टेबल रामकिशन के खिलाफ रोजनामचे में छेड़छाड़ के मामले में दर्ज मामले पर कोई असर नहीं होगा।

साढ़े छह साल में जांच नहीं बढ़ी
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सामने आया कि 21 जुलाई 2006 को मारपीट के मामले में दर्ज में प्राथमिकी की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई, जबकि अदालत ने वष्ाü 2008 से चल रही इस याचिका के संबंध में केवल गिरफ्तारी पर ही रोक लगा रखी थी।

यह था मामला
याचिका में बताए तथ्यों के अनुसार रतना गुप्ता के भतीजे दीपक गुप्ता से कांस्टेबल रामकिशन ने ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिखाने पर पैसे मांगे, जब पैसे देने से इनकार कर दिया तो मारपीट की गई। रतना की बहन उष्ाा गुप्ता ने पुलिस से पिटाई रोकने को कहा, पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज कराने गई। याचिका में आरोप लगाया है कि यह रिपोर्ट दर्ज नहीं की और इसी मामले में रतना व अन्य के खिलाफ रोजनामचे में मामला दर्ज कर दिया। बाद में रतना व अन्य के खिलाफ में प्राथमिकी दर्ज हुई, जिसमें आरोप था कि रतना ने मौके पर आकर कांस्टेबल से मारपीट की और बाद में इसके लिए माफी भी मांगी। इसी में प्राथमिकी के खिलाफ यह याचिका दायर हुई थी।

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